SK नर्सरी हाउस बीकानेर में आम के पौधे थोक दर पर उपलब्ध है। आम का वृक्ष एक फूलदार, फलदार, छाँयादार, बड़ा स्थलीय वृक्ष है। इसकी लकड़ी भी उपयोगी होती है। आम के पेड़ की अनेक उन्नतशील प्रजातियाँ पायी जाती है जैसे दशहरी, लगडा, चौसा, फजरी, अलफांसो, तोतापरी, हिमसागर, किशनभोग, नीलम, सुवर्णरेखा,वनराज आदि प्रमुख हैI
आम एक बहुत ही उपयोगी, लंबे समय तक रहने वाला, घना, लाभकारी और विशाल वृक्ष है, जो भारत में दक्षिण में कन्याकुमारी से लेकर उत्तर में हिमालय की तलहटी तक (3,000 फीट की ऊंचाई तक) और पश्चिम में पंजाब से पूर्व में आसाम तक, अधिकता से होता है। आम की खेती लगभग पूरे देश में की जाती है। अनुकूल जलवायु मिलने पर इसका पेड़ 50-60 फीट की ऊंचाई तक पहुंच जाता है। वानस्पतिक वर्गीकरण के अनुसार आम एनाकार्डियासी परिवार का एक वृक्ष है।
आम की खेती उष्ण एव समशीतोष्ण दोनों प्रकार की जलवायु में की जाती हैI आम के लिए 23 से 40 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान अति उतम होता हैई आम की खेती प्रत्येक किस्म की भूमि में की जा सकती हैI अच्छे जल निकास वाली दोमट भूमि सवोत्तम मानी जाती हैI आम की फसल के लिए बाग लगाने के प्रथम वर्ष में 2-3 दिन के अन्तराल पर आवश्यकतानुसार तथा 3 से 5 वर्ष में 4-5 दिन के अन्तराल पर सिंचाई करनी चाहिए।
आम का पेड़ एक फूलदार, बड़ा स्थलीय वृक्ष है। इसके दो बीजपत्र हैं। इसके फूल छोटे होते हैं और समूहों में रहते हैं। इसे मंजरी कहते हैं। इसका पत्ता सरल और लंबा है। इसका तना लंबा और मजबूत होता है। इसका फल सरस और गूदेदार होता है। आम का फल विश्व प्रसिद्ध स्वादिष्ट फल है। इसे फलों का राजा कहा जाता है। आम के बाग को साफ रखने के लिए बागों की साल में दो बार निराई व जुताई करनी चाहिए, इससे खरपतवार और भूमिगत कीट नष्ट हो जाते हैं, साथ ही समय-समय पर खरपतवार निकलते रहना चाहिए।
आम के कई नाम जैसे सौरभ, रसल, चुवात, टपका, सहकार, आम, पिकवल्लभ आदि भी इसकी लोकप्रियता के प्रमाण हैं। इसे "कल्पवृक्ष" भी कहा जाता है जिसका अर्थ है कि यह मनोवाछिंत फल देनेवाला। आम का प्रयोग वैदिक काल से लेकर आज तक हमारे रीति-रिवाजों, व्यवहार, हवन, यज्ञ, पूजा, कथा, पर्व और सभी शुभ कार्यों में आम की लकड़ी, पत्ते, फूल आदि प्रायः उपयोगी होता है। उपयोगिता की दृष्टि से आम का उपयोग भारत में ही नहीं हर जगह और कई तरह से किया जाता है। कच्चे फलों से चटनी, खटाई, अचार, मुरब्बा आदि बनाए जाते हैं। पके फल बहुत स्वादिष्ट, पाचक, रेचक और बलप्रद होते हैं।